महर्षि वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग 1 संस्कृत-हिंदी | Valmiki Ramayan Baalkand Sarg 1 in Sanskrit & Hindi

महर्षि वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग 1 संस्कृत

Maharishi Valmiki Ramayan Baalkand Sarg 1 - Sanskrit


श्रीमद्वाल्मीकीयरामायणे बालकाण्डे प्रथमः सर्गः ॥१-१॥

 

नारद से वाल्मीकि का प्रश्न

तपःस्वाध्यायनिरतं तपस्वी वाग्विदां वरम् ।
नारदं परिपप्रच्छ वाल्मीकिर्मुनिपुङ्गवम् ॥१-१-१॥

हिंदी अनुवाद:
तप और स्वाध्याय में लीन, तपस्वी और वाणी के विद्वानों में श्रेष्ठ नारद से महर्षि वाल्मीकि ने प्रश्न किया।

English Translation:
Engaged in penance and self-study, the sage Valmiki, a foremost of sages, asked Narada, the best among the eloquent.


गुणवान पुरुष की खोज

को न्वस्मिन्साम्प्रतं लोके गुणवान्कश्च वीर्यवान् ।
धर्मज्ञश्च कृतज्ञश्च सत्यवाक्यो दृढव्रतः ॥१-१-२॥

हिंदी अनुवाद:
इस समय इस संसार में कौन ऐसा है जो गुणवान और पराक्रमी हो?
कौन धर्म को जानने वाला, कृतज्ञ, सत्य बोलने वाला और दृढ़व्रत है?

English Translation:
Who in this world today is virtuous and courageous?
Who is knowledgeable of righteousness, grateful, truthful, and firm in his vows?


आदर्श चरित्र का व्यक्ति

चारित्रेण च को युक्तः सर्वभूतेषु को हितः ।
विद्वान्कः कः समर्थश्च कश्चैकप्रियदर्शनः ॥१-१-३॥

हिंदी अनुवाद:
कौन ऐसा है जो उत्तम चरित्र वाला हो और सभी प्राणियों का हितैषी हो?
कौन विद्वान, समर्थ और सभी को प्रिय लगने वाला है?

English Translation:
Who is endowed with good character and is a benefactor of all beings?
Who is wise, capable, and uniquely pleasing to behold?

श्लोक 4: आदर्श वीर का स्वरूप

आत्मवान्को जितक्रोधो द्युतिमान्कोऽनसूयकः ।
कस्य बिभ्यति देवाश्च जातरोषस्य संयुगे ॥१-१-४॥

हिंदी अनुवाद:
कौन आत्मसंयमी और क्रोध पर विजय पाने वाला है? कौन तेजस्वी और दूसरों से द्वेष न करने वाला है?
क्रोधित होने पर युद्ध में देवता भी जिससे डरते हों, वह कौन है?

English Translation:
Who is self-controlled, free from anger, radiant, and free from jealousy?
In whose wrath even the gods fear during battle?


श्लोक 5: जिज्ञासा की संतुष्टि

एतदिच्छाम्यहं श्रोतुं परं कौतूहलं हि मे ।
महर्षे त्वं समर्थोऽसि ज्ञातुमेवंविधं नरम् ॥१-१-५॥

हिंदी अनुवाद:
मैं यह सब सुनना चाहता हूँ क्योंकि मेरी बहुत बड़ी जिज्ञासा है।
हे महर्षि, आप ऐसे व्यक्तियों को जानने में समर्थ हैं।

English Translation:
I wish to hear about this, as my curiosity is immense.
O Sage, you are capable of knowing such a person.


श्लोक 6: नारद का उत्तर

श्रुत्वा चैतत्त्रिलोकज्ञो वाल्मीकेर्नारदो वचः ।
श्रूयतामिति चामन्त्र्य प्रहृष्टो वाक्यमब्रवीत् ॥१-१-६॥

हिंदी अनुवाद:
त्रिलोकी के ज्ञाता नारद ने वाल्मीकि के वचनों को सुनकर कहा, "सुनिए," और प्रसन्न होकर उत्तर दिया।

English Translation:
Narada, the knower of the three worlds, upon hearing Valmiki’s words, said, "Listen," and spoke joyfully.


श्लोक 7: दुर्लभ गुणों का उल्लेख

बहवो दुर्लभाश्चैव ये त्वया कीर्तिता गुणाः ।
मुने वक्ष्याम्यहं बुद्ध्वा तैर्युक्तः श्रूयतां नरः ॥१-१-७॥

हिंदी अनुवाद:
हे मुनि, आपने जिन गुणों का वर्णन किया है, वे अनेक और दुर्लभ हैं।
मैं उस व्यक्ति का वर्णन करूँगा जो इन गुणों से युक्त है, ध्यानपूर्वक सुनें।

English Translation:
O Sage, the qualities you described are many and rare.
I will tell you about the person endowed with these qualities, so listen carefully.


श्लोक 8: राम का परिचय

इक्ष्वाकुवंशप्रभवो रामो नाम जनैः श्रुतः ।
नियतात्मा महावीर्यो द्युतिमान्धृतिमान्वशी ॥१-१-८॥

हिंदी अनुवाद:
इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न राम, जिनका नाम जनसाधारण में विख्यात है, वे संयमी, महान वीर, तेजस्वी, धैर्यवान और स्व-इंद्रियों पर नियंत्रण रखने वाले हैं।

English Translation:
Born in the Ikshvaku lineage, Ram, renowned among people, is disciplined, a great hero, radiant, composed, and self-controlled.


श्लोक 9: राम का व्यक्तित्व

बुद्धिमान्नीतिमान्वाग्मी श्रीमाञ्छत्रुनिबर्हणः ।
विपुलांसो महाबाहुः कम्बुग्रीवो महाहनुः ॥१-१-९॥

हिंदी अनुवाद:
राम बुद्धिमान, नीतिवान, वाक्पटु, संपन्न, शत्रुनाशक, चौड़े कंधों वाले, विशाल भुजाओं वाले, सुडौल गले और बड़ी ठोड़ी वाले हैं।

English Translation:
Ram is intelligent, righteous, eloquent, prosperous, a vanquisher of enemies, broad-shouldered, mighty-armed, with a well-shaped neck and a prominent jaw.


श्लोक 10: राम का शारीरिक वर्णन

महोरस्को महेष्वासो गूढजत्रुररिन्दमः ।
आजानुबाहुः सुशिराः सुललाटः सुविक्रमः ॥१-१-१०॥

हिंदी अनुवाद:
राम का चौड़ा सीना, बड़ा धनुष, गुप्त जोड़, लंबी भुजाएँ, सुंदर सिर, विशाल ललाट और अद्वितीय पराक्रम है।

English Translation:
Ram has a broad chest, carries a great bow, has concealed joints, long arms, a beautiful head, a wide forehead, and unmatched valor.

श्लोक 11: राम का स्वरूप

समः समविभक्ताङ्गः स्निग्धवर्णः प्रतापवान् ।
पीनवक्षा विशालाक्षो लक्ष्मीवाञ्छुभलक्षणः ॥१-१-११॥

हिंदी अनुवाद:
राम का शरीर संतुलित और अंगों का सम वितरण है। उनका रंग कोमल, तेजस्वी, चौड़ा सीना, बड़ी आँखें, लक्ष्मीवान और शुभ लक्षणों से युक्त है।

English Translation:
Ram’s body is proportionate with well-distributed limbs. His complexion is smooth, he is radiant, has a broad chest, large eyes, is blessed with prosperity, and possesses auspicious features.


श्लोक 12: राम के गुण

धर्मज्ञः सत्यसन्धश्च प्रजानां च हिते रतः ।
यशस्वी ज्ञानसम्पन्नः शुचिर्वश्यः समाधिमान् ॥१-१-१२॥

हिंदी अनुवाद:
राम धर्म को जानने वाले, सत्य के प्रति प्रतिबद्ध, प्रजा के हित में रत, यशस्वी, ज्ञान से पूर्ण, पवित्र, आत्मसंयमी और ध्यान में लीन रहने वाले हैं।

English Translation:
Ram is knowledgeable of righteousness, committed to truth, dedicated to the welfare of people, renowned, wise, pure, self-controlled, and deeply meditative.


श्लोक 13: राम की समानता

प्रजापतिसमः श्रीमान् धाता रिपुनिषूदनः ।
रक्षिता जीवलोकस्य धर्मस्य परिरक्षिता ॥१-१-१३॥

हिंदी अनुवाद:
राम प्रजापति के समान तेजस्वी, धारणकर्ता, शत्रुओं के संहारक, प्राणियों के रक्षक और धर्म की रक्षा करने वाले हैं।

English Translation:
Ram is as radiant as Prajapati, a sustainer, destroyer of enemies, protector of living beings, and upholder of righteousness.


श्लोक 14: धर्म और वेदों में निपुण

रक्षिता स्वस्य धर्मस्य स्वजनस्य च रक्षिता ।
वेदवेदाङ्गतत्त्वज्ञो धनुर्वेदे च निष्ठितः ॥१-१-१४॥

हिंदी अनुवाद:
राम अपने धर्म और स्वजनों की रक्षा करने वाले हैं। वे वेद और वेदांगों के ज्ञाता तथा धनुर्वेद में निपुण हैं।

English Translation:
Ram is a protector of his own dharma and kin. He is knowledgeable in the Vedas and their branches and is skilled in archery.


श्लोक 15: सर्वप्रिय और विवेकी

सर्वशास्त्रार्थतत्त्वज्ञो स्मृतिमान् प्रतिभानवान् ।
सर्वलोकप्रियः साधुरदीनात्मा विचक्षणः ॥१-१-१५॥

हिंदी अनुवाद:
राम सभी शास्त्रों के तत्वज्ञ, स्मृतिवान, प्रतिभाशाली, सभी लोकों में प्रिय, सज्जन, अदीनचित्त और विवेकी हैं।

English Translation:
Ram is well-versed in the essence of all scriptures, possesses a sharp memory and brilliance, is loved by all, virtuous, composed, and discerning.


श्लोक 16: सद्गुणों से युक्त

सर्वदाभिगतः सद्भिः समुद्र इव सिन्धुभिः ।
आर्यः सर्वसमश्चैव सदैव प्रियदर्शनः ॥१-१-१६॥

हिंदी अनुवाद:
राम सदा सज्जनों द्वारा सम्मानित होते हैं, जैसे समुद्र नदियों से भरा होता है। वे आर्य, समभाव रखने वाले और सदा प्रियदर्शन हैं।

English Translation:
Ram is always honored by the virtuous, just as the ocean is filled by rivers. He is noble, even-minded, and perpetually pleasing to behold.


श्लोक 17: राम की गम्भीरता और धैर्य

स च सर्व गुणोपेतः कौसल्यानन्दवर्धनः ।
समुद्र इव गाम्भीर्ये धैर्येण हिमवानिव ॥१-१-१७॥

हिंदी अनुवाद:
राम सभी गुणों से युक्त हैं और कौसल्या के आनंद को बढ़ाने वाले हैं। वे गंभीरता में समुद्र के समान और धैर्य में हिमालय के समान हैं।

English Translation:
Ram is endowed with all virtues and is the source of joy for Kausalya. He is as profound as the ocean and as steadfast as the Himalayas.


श्लोक 18: राम की विशेषताएँ

विष्णुना सदृशो वीर्ये सोमवत्प्रियदर्शनः ।
कालाग्निसदृशः क्रोधे क्षमया पृथिवीसमः ॥१-१-१८॥

हिंदी अनुवाद:
राम वीर्य में विष्णु के समान, प्रियदर्शन में चंद्रमा के समान, क्रोध में कालाग्नि के समान और क्षमा में पृथ्वी के समान हैं।

English Translation:
Ram is comparable to Vishnu in valor, the Moon in charm, the destructive fire in wrath, and the Earth in forgiveness.

 
 

श्लोक 19: राम का त्याग और सत्यनिष्ठा

धनदेन समस्त्यागे सत्ये धर्म इवापरः ।
तमेवंगुणसम्पन्नं रामं सत्यपराक्रमम् ॥१-१-१९॥

हिंदी अनुवाद:
राम त्याग में कुबेर के समान और सत्य में धर्म के समान हैं। ऐसे गुणों से संपन्न और सत्य पराक्रमी राम की महिमा अपार है।

English Translation:
Ram is like Kubera in generosity and like Dharma in truthfulness. Such a virtuous and truly valiant Ram possesses unparalleled greatness.


श्लोक 20: राम का यौवराज्य

ज्येष्ठं ज्येष्ठगुणैर्युक्तं प्रियं दशरथस्सुतम् ।
प्रकृतीनां हितैर्युक्तं प्रकृतिप्रियकाम्यया ॥१-१-२०॥

हिंदी अनुवाद:
दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम, जो श्रेष्ठ गुणों से युक्त, प्रिय और प्रजा के हितकारी हैं, प्रकृतियों को प्रिय करने की भावना से पूज्य हैं।

English Translation:
Ram, the eldest son of Dasharatha, endowed with supreme qualities, beloved, and devoted to the welfare of his people, is adored for his desire to please the citizens.


श्लोक 21: कैकेयी का वरदान

यौवराज्येन संयोक्तुम् ऐच्छत्प्रीत्या महीपतिः ।
तस्याभिषेकसम्भारान् दृष्ट्वा भार्याथ कैकयी ॥१-१-२१॥

हिंदी अनुवाद:
राजा दशरथ ने राम को प्रेमपूर्वक युवराज पद पर अभिषेक करने की इच्छा की। यह देखकर उनकी पत्नी कैकेयी ने वरदान माँगा।

English Translation:
King Dasharatha wished to crown Ram as the prince regent out of love. Seeing the preparations, his wife Kaikeyi asked for her boon.


श्लोक 22: राम का वनवास

पूर्वं दत्तवरा देवी वरमेनमयाचत ।
विवासनञ्च रामस्य भरतस्याभिषेचनम् ॥१-१-२२॥

हिंदी अनुवाद:
पहले दिए गए वचनों के आधार पर कैकेयी ने राम के वनवास और भरत के राज्याभिषेक का वरदान माँगा।

English Translation:
Using the boons previously granted, Kaikeyi requested Ram’s exile and Bharat’s coronation.


श्लोक 23: दशरथ की आज्ञा

स सत्यवचनाद्राजा धर्मपाशेन संयतः ।
विवासयामास सुतं रामं दशरथः प्रियम् ॥१-१-२३॥

हिंदी अनुवाद:
राजा दशरथ सत्यवचन और धर्म के बंधन से बँधे हुए राम को, जो उनके प्रिय पुत्र थे, वनवास के लिए भेजने को बाध्य हो गए।

English Translation:
King Dasharatha, bound by his vow of truth and righteousness, was compelled to exile Ram, his beloved son.


श्लोक 24: राम की प्रतिज्ञा

स जगाम वनं वीरः प्रतिज्ञामनुपालयन् ।
पितुर्वचननिर्देशात् कैकेय्याः प्रियकारणात् ॥१-१-२४॥

हिंदी अनुवाद:
वीर राम, पितृ आज्ञा और कैकेयी की इच्छा का पालन करते हुए अपनी प्रतिज्ञा निभाने के लिए वन चले गए।

English Translation:
The valiant Ram, upholding his promise, went to the forest in obedience to his father’s command and to fulfill Kaikeyi’s desire.


श्लोक 25: लक्ष्मण का साथ

तं व्रजन्तं प्रियो भ्राता लक्ष्मणोऽनुजगाम ह ।
स्नेहाद् विनयसम्पन्नः सुमित्रानन्दवर्धनः ॥१-१-२५॥

हिंदी अनुवाद:
राम के साथ उनके प्रिय भाई लक्ष्मण, स्नेह और विनय से युक्त, और सुमित्रा के आनंद को बढ़ाने वाले भी गए।

English Translation:
Ram’s beloved brother, Lakshman, full of affection and humility, and the joy of Sumitra, followed him.


श्लोक 26: सीता का साथ

भ्रातरं दयितो भ्रातुः सौभ्रात्रमनुदर्शयन् ।
रामस्य दयिता भार्या नित्यं प्राणसमा हिता ॥१-१-२६॥

हिंदी अनुवाद:
राम की प्रिय पत्नी सीता, जो उनके प्राणों के समान थीं, भी उनके साथ गईं, और भाई लक्ष्मण ने भी राम के प्रति अपना सच्चा भाईचारा दिखाया।

English Translation:
Ram’s beloved wife Sita, dear as his life, accompanied him, and Lakshman demonstrated true brotherly affection towards Ram.


श्लोक 27: सीता का वर्णन

जनकस्य कुले जाता देवमायेव निर्मिता ।
सर्वलक्षणसम्पन्ना नारीणामुत्तमा वधूः ॥१-१-२७॥

हिंदी अनुवाद:
सीता, जो जनक के वंश में उत्पन्न और देवमाया के समान निर्मित थीं, सभी शुभ लक्षणों से युक्त और स्त्रियों में श्रेष्ठ थीं।

English Translation:
Sita, born in the lineage of Janaka and crafted as if by divine magic, was endowed with all auspicious qualities and was the foremost among women.

 
 

श्लोक 28: विदाई और वनगमन

सीताप्यनुगता रामं शशिनं रोहिणी यथा ।
पौरैरनुगतो दूरं पित्रा दशरथेन च ॥१-१-२८॥

हिंदी अनुवाद:
सीता राम के साथ ऐसे चलीं जैसे रोहिणी चंद्रमा के साथ चलती है। प्रजाजनों और राजा दशरथ ने उन्हें दूर तक विदा किया।

English Translation:
Sita followed Ram as Rohini follows the Moon. The citizens and King Dasharatha accompanied them a long distance for their farewell.


श्लोक 29: गंगा तट पर विदाई

शृङ्गवीरपुरे सूतं गङ्गाकूले व्यसर्जयत् ।
गुहमासाद्य धर्मात्मा निषादाधिपतिं प्रियम् ॥१-१-२९॥

हिंदी अनुवाद:
गंगा के तट पर शृंगवेरपुर में राम ने सारथी को विदा किया और धर्मात्मा निषादराज गुह से मिले।

English Translation:
On the banks of the Ganga, at Shringaverpur, Ram bid farewell to his charioteer and met the virtuous Nishada king Guha.


श्लोक 30: चित्रकूट की ओर प्रस्थान

गुहेन सहितो रामो लक्ष्मणेन च सीतया ।
ते वनेन वनङ्गत्वा नदीस्तीर्त्वा बहूदकाः ॥१-१-३०॥

हिंदी अनुवाद:
राम, लक्ष्मण और सीता, गुह के साथ, घने जंगलों और कई नदियों को पार करते हुए आगे बढ़े।

English Translation:
Ram, Lakshman, and Sita, accompanied by Guha, traversed dense forests and crossed many rivers.


श्लोक 31: चित्रकूट पर निवास

चित्रकूटमनुप्राप्य भरद्वाजस्य शासनात् ।
रम्यमावसथं कृत्वा रममाणा वने त्रयः ॥१-१-३१॥

हिंदी अनुवाद:
भरद्वाज ऋषि के आदेश से राम, लक्ष्मण, और सीता चित्रकूट पहुँचे और वहाँ एक सुंदर आश्रय बनाकर रहने लगे।

English Translation:
Following Sage Bharadwaja’s guidance, Ram, Lakshman, and Sita reached Chitrakoot and built a beautiful abode, living happily there.


श्लोक 32: दशरथ का वियोग

देवगन्धर्वसंकाशाः तत्र ते न्यवसन् सुखम् ।
चित्रकूटङ्गते रामे पुत्रशोकातुरस्तथा ॥१-१-३२॥

हिंदी अनुवाद:
देवताओं और गंधर्वों के समान तेजस्वी राम चित्रकूट में आनंदपूर्वक रहते थे। उधर पुत्र शोक से पीड़ित दशरथ ने प्राण त्याग दिए।

English Translation:
Shining like gods and Gandharvas, Ram lived happily in Chitrakoot. Meanwhile, King Dasharatha succumbed to the grief of his son’s separation.


श्लोक 33: भरत की कठिनाई

राजा दशरथस्स्वर्गं जगाम विलपन् सुतम् ।
गते तु तस्मिन् भरतो वसिष्ठप्रमुखैर्द्विजैः ॥१-१-३३॥

हिंदी अनुवाद:
राजा दशरथ, राम को याद करते हुए स्वर्ग सिधार गए। इसके बाद, वसिष्ठ जैसे विद्वानों ने भरत से राज्य संभालने का अनुरोध किया।

English Translation:
King Dasharatha departed for heaven while lamenting his son. Then, sages like Vasistha urged Bharat to take up the kingdom.


श्लोक 34: भरत का त्याग

नियुज्यमानो राज्याय नैच्छत् राज्यं महाबलः ।
स जगाम वनं वीरो रामपादप्रसादकः ॥१-१-३४॥

हिंदी अनुवाद:
भरत, जो महाबलशाली और वीर थे, राज्य को स्वीकार नहीं किया और राम के पास वन में जाने का निर्णय लिया।

English Translation:
The mighty and valiant Bharat refused the throne and decided to go to the forest to meet Ram.


श्लोक 35: भरत का विनम्र आग्रह

गत्वा तु स महात्मानं रामं सत्यपराक्रमम् ।
अयाचद्भ्रातरं रामम् आर्यभावपुरस्कृतः ॥१-१-३५॥

हिंदी अनुवाद:
भरत, राम के पास पहुँचे और विनम्रता एवं आदर के साथ उनसे राज्य लौटने की विनती की।

English Translation:
Bharat approached the noble Ram and, with great respect and humility, requested him to return to the kingdom.


श्लोक 36: राम का उत्तर

त्वमेव राजा धर्मज्ञ इति रामं वचोऽब्रवीत् ।
रामोऽपि परमोदारः सुमुखस्सुमहायशाः ॥१-१-३६॥

हिंदी अनुवाद:
भरत ने कहा, "आप ही राजा हैं, धर्म को जानने वाले।" राम, जो अत्यंत उदार, सुंदर मुख वाले और महान यशस्वी थे, ने इसका उत्तर दिया।

English Translation:
Bharat said, “You alone are the rightful king, the knower of Dharma.” Ram, who was supremely generous, graceful, and greatly renowned, responded.


श्लोक 37: राम का त्याग

न चैच्छत् पितुरादेशात् राज्यं रामो महाबलः ।
पादुके चास्य राज्याय न्यासं दत्त्वा पुनः पुनः ॥१-१-३७॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने पितृ आज्ञा का पालन करते हुए राज्य को स्वीकार नहीं किया और भरत को अपनी खड़ाऊँ देकर उन्हें राज्य की जिम्मेदारी सौंपी।

English Translation:
Ram, obeying his father’s command, did not accept the kingdom but entrusted Bharat with his sandals as a symbol of authority.


श्लोक 38: भरत का त्याग

नन्दिग्रामेऽकरोद् राज्यं रामागमनकाङ्क्षया ।
गते तु भरते श्रीमान् सत्यसन्धो जितेन्द्रियः ॥१-१-३९॥

हिंदी अनुवाद:
भरत ने नंदीग्राम में रहकर राम की प्रतीक्षा करते हुए राज्य का संचालन किया। उधर, सत्य और इंद्रियों के विजेता राम वन में निवास कर रहे थे।

English Translation:
Bharat ruled from Nandigram, awaiting Ram’s return. Meanwhile, Ram, steadfast in truth and self-control, resided in the forest.

 
 

श्लोक 40: दंडक वन में प्रवेश

रामस्तु पुनरालक्ष्य नागरस्य जनस्य च ।
तत्रागमनमेकाग्रो दण्डकान् प्रविवेश ह ॥१-१-४०॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने नगरवासियों का अनुसरण करते हुए दंडक वन में प्रवेश किया और वहां एकाग्र होकर निवास करने लगे।

English Translation:
Ram observed the following of the townspeople and entered the Dandaka forest with full focus, settling there.


श्लोक 41: विराध का वध

प्रविश्य तु महारण्यं रामो राजीवलोचनः ।
विराधं राक्षसं हत्वा शरभङ्गं ददर्श ह ॥१-१-४१॥

हिंदी अनुवाद:
कमल के समान नेत्रों वाले राम ने महान वन में प्रवेश किया, जहां उन्होंने विराध नामक राक्षस का वध किया और शरभंग ऋषि के दर्शन किए।

English Translation:
Lotus-eyed Ram entered the great forest, slew the demon Viradha, and met the sage Sharabhanga.


श्लोक 42: अगस्त्य मुनि का मार्गदर्शन

सुतीक्ष्णं चाप्यगस्त्यं च अगस्त्यभ्रातरं तथा ।
अगस्त्यवचनाच्चैव जग्राहैन्द्रं शरासनम् ॥१-१-४२॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने सुतीक्ष्ण और अगस्त्य मुनि तथा उनके भाई के दर्शन किए। अगस्त्य मुनि के निर्देश पर उन्होंने इंद्र का दिव्य धनुष प्राप्त किया।

English Translation:
Ram visited Sutikshna, Agastya, and his brother. Following Agastya’s guidance, he acquired Indra’s celestial bow.


श्लोक 43: दिव्य आयुधों की प्राप्ति

खड्गञ्च परम प्रीतस्तूणी चाक्षयसायकौ ।
वसतस्तस्य रामस्य वने वनचरैः सह ॥१-१-४३॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने एक दिव्य खड्ग और असीमित बाणों से युक्त दो तरकश प्राप्त किए। वे वन में वनवासियों के साथ निवास करने लगे।

English Translation:
Ram received a divine sword and two quivers filled with inexhaustible arrows. He stayed in the forest among its inhabitants.


श्लोक 44: ऋषियों की सहायता

ऋषयोऽभ्यागमन् सर्वे वधायासुररक्षसाम् ।
स तेषां प्रतिशुश्राव राक्षसानां तदा वने ॥१-१-४४॥

हिंदी अनुवाद:
वन में रहने वाले ऋषि राम के पास आए और असुर राक्षसों के वध के लिए सहायता मांगी। राम ने उन्हें इसका वचन दिया।

English Translation:
The sages dwelling in the forest approached Ram seeking help to eliminate the demon Rakshasas. Ram pledged his support.


श्लोक 45: राक्षसों के वध की प्रतिज्ञा

प्रतिज्ञातश्च रामेण वधः संयति रक्षसाम् ।
ऋषीणामग्निकल्पानां दण्डकारण्यवासीनाम् ॥१-१-४५॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने दंडकारण्य में निवास करने वाले अग्नि के समान तेजस्वी ऋषियों को राक्षसों के वध का वचन दिया।

English Translation:
Ram promised the sages residing in Dandakaranya, who were radiant like fire, that he would slay the Rakshasas in battle.


श्लोक 46: शूर्पणखा का आगमन

तेन तत्रैव वसता जनस्थाननिवासिनी ।
विरूपिता शूर्पणखा राक्षसी कामरूपिणी ॥१-१-४६॥

हिंदी अनुवाद:
जनस्थान में निवास करने वाली शूर्पणखा, जो इच्छानुसार रूप बदल सकती थी, वहां आई और राम द्वारा अपमानित हुई।

English Translation:
Shurpanakha, a demoness living in Janasthana and capable of assuming any form, arrived and was humiliated by Ram.


श्लोक 47: खर, दूषण और त्रिशिरा का वध

तत: शूर्पणखावाक्यादुद्युक्तान् सर्वराक्षसान् ।
खरं त्रिशिरसं चैव दूषणं चैव राक्षसम् ॥१-१-४७॥

हिंदी अनुवाद:
शूर्पणखा के उकसाने पर खर, दूषण, और त्रिशिरा नामक राक्षसों सहित सभी राक्षसों ने राम पर आक्रमण किया।

English Translation:
Provoked by Shurpanakha, the demons Khara, Trishira, and Dushana, along with other Rakshasas, attacked Ram.


श्लोक 48: राम का विजय

निजघान रणे रामस्तेषां चैव पदानुगान् ।
वने तस्मिन् निवसता जनस्थाननिवासिनाम् ॥१-१-४८॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने युद्ध में उन्हें और उनके सभी अनुयायियों को मार गिराया। जनस्थान में राक्षसों का आतंक समाप्त हो गया।

English Translation:
Ram vanquished them and their followers in battle, ending the tyranny of the demons in Janasthana.


श्लोक 49: रावण का क्रोध

रक्षसां निहतान्यासन् सहस्राणि चतुर्दश ।
ततो ज्ञातिवधं श्रुत्वा रावणः क्रोधमूर्छितः ॥१-१-४९॥

हिंदी अनुवाद:
चौदह हजार राक्षसों के मारे जाने की खबर सुनकर रावण क्रोध से उन्मत्त हो गया।

English Translation:
Hearing about the slaughter of fourteen thousand demons, Ravana was enraged beyond measure.


श्लोक 50: मारीच की सहायता

सहायं वरयामास मारीचं नाम राक्षसम् ।
वार्यमाणः सुबहुशो मारीचेन स रावणः ॥१-१-५०॥

हिंदी अनुवाद:
रावण ने मारीच नामक राक्षस से सहायता मांगी। मारीच ने उसे कई बार चेताया।

English Translation:
Ravana sought the help of the demon Maricha, who repeatedly tried to dissuade him.

 
 

श्लोक 51: रावण का निर्णय

न विरोधो बलवता क्षमो रावण तेन ते ।
अनादृत्य तु तद्वाक्यं रावणः कालचोदितः ॥१-१-५१॥

हिंदी अनुवाद:
मारीच ने रावण को चेतावनी दी, "बलशाली राम से विरोध उचित नहीं है।" लेकिन रावण काल के प्रभाव में आकर उसकी बातों को अनसुना कर दिया।

English Translation:
Maricha warned Ravana, "It is unwise to oppose the mighty Ram." However, driven by destiny, Ravana ignored his advice.


श्लोक 52: सीता का अपहरण

जगाम सहमारीचस्तस्याश्रमपदं तदा ।
तेन मायाविना दूरमपवाह्य नृपात्मजौ ॥१-१-५२॥

हिंदी अनुवाद:
मारीच के साथ, रावण राम के आश्रम पहुँचा और छलपूर्वक राम और लक्ष्मण को दूर ले जाकर सीता का अपहरण कर लिया।

English Translation:
With Maricha, Ravana reached Ram’s hermitage and deceitfully lured Ram and Lakshman away to abduct Sita.


श्लोक 53: जटायू का बलिदान

जहार भार्यां रामस्य गृध्रं हत्वा जटायुषम् ।
गृध्रञ्च निहतं दृष्ट्वा हृतां श्रुत्वा च मैथिलीम् ॥१-१-५३॥

हिंदी अनुवाद:
रावण ने राम की पत्नी सीता का अपहरण किया और जटायू पक्षी को मार डाला। राम ने जटायू को मृत देखा और सीता के हरण की बात सुनी।

English Translation:
Ravana abducted Ram’s wife Sita and killed the vulture Jatayu. Ram found Jatayu dead and learned of Sita’s abduction.


श्लोक 54: राम का शोक

राघवः शोकसंतप्तो विललापाकुलेन्द्रियः ।
ततस्तेनैव शोकेन गृध्रं दग्ध्वा जटायुषम् ॥१-१-५४॥

हिंदी अनुवाद:
राम शोक से व्याकुल हो गए और उन्होंने जटायू का अंतिम संस्कार किया।

English Translation:
Ram, overwhelmed with grief, performed the last rites of Jatayu.


श्लोक 55: कबंध का वध

मार्गमाणो वने सीतां राक्षसं सन्ददर्श ह ।
कबन्धं नाम रूपेण विकृतं घोरदर्शनम् ॥१-१-५५॥

हिंदी अनुवाद:
सीता को खोजते हुए राम ने जंगल में विकृत रूप वाले राक्षस कबंध को देखा।

English Translation:
While searching for Sita, Ram encountered the grotesque demon Kabandha in the forest.


श्लोक 56: कबंध का उद्धार

तन्निहत्य महाबाहुर्ददाह स्वर्गतश्च सः ।
स चास्य कथयामास शबरीं धर्मचारिणीम् ॥१-१-५६॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने कबंध को मारकर उसका उद्धार किया। उसने राम को शबरी नामक धर्मपरायण महिला से मिलने का सुझाव दिया।

English Translation:
Ram killed Kabandha and liberated him. Kabandha advised Ram to visit the pious woman Shabari.


श्लोक 57: शबरी से भेंट

सोऽभ्यगच्छन्महातेजाः शबरीं शत्रुसूदनः ।
शबर्या पूजितः सम्यग्रामो दशरथात्मजः ॥१-१-५७॥

हिंदी अनुवाद:
महान तेजस्वी राम, शत्रुनाशक, शबरी से मिले। शबरी ने राम का समुचित आदर-सत्कार किया।

English Translation:
The illustrious and enemy-slaying Ram met Shabari, who welcomed and honored him.


श्लोक 58: हनुमान से भेंट

पम्पातीरे हनुमता सङ्गतो वानरेण ह ।
हनुमद्वचनाच्चैव सुग्रीवेण समागतः ॥१-१-५८॥

हिंदी अनुवाद:
पंपा सरोवर के किनारे राम की भेंट वानर हनुमान से हुई। हनुमान के माध्यम से राम ने सुग्रीव से मुलाकात की।

English Translation:
At the Pampa lake, Ram met the Vanara Hanuman. Through Hanuman, Ram met Sugriva.


श्लोक 59: सुग्रीव से मित्रता

सुग्रीवाय च तत्सर्वं शंसद्रामो महाबलः ।
आदितस्तद् यथावृत्तं सीतायाश्च विशेषतः ॥१-१-५९॥

हिंदी अनुवाद:
महाबली राम ने सुग्रीव को अपने और सीता के साथ घटित घटनाओं का संपूर्ण वर्णन किया।

English Translation:
The mighty Ram narrated all the events, especially concerning Sita, to Sugriva.


श्लोक 60: सख्य का गठन

सुग्रीवश्चापि तत्सर्वं श्रुत्वा रामस्य वानरः ।
चकार सख्यं रामेण प्रीतश्चैवाग्निसाक्षिकम् ॥१-१-६०॥

हिंदी अनुवाद:
वानरराज सुग्रीव ने राम की बात सुनकर उनसे मित्रता की, जो अग्नि को साक्षी मानकर संपन्न हुई।

English Translation:
The Vanara king Sugriva, upon hearing Ram’s account, forged a bond of friendship with him, witnessed by fire.


श्लोक 61: बालि वध की प्रतिज्ञा

ततो वानरराजेन वैरानुकथनं प्रति ।
रामायावेदितं सर्वं प्रणयात् दुःखितेन च ॥१-१-६१॥

हिंदी अनुवाद:
वानरराज सुग्रीव ने अपने भाई बालि के अत्याचारों की कहानी राम को सुनाई और उनके प्रति अपने दुःख को प्रकट किया।

English Translation:
The Vanara king Sugriva narrated the tale of his brother Bali’s tyranny to Ram, expressing his grief and sorrow.


श्लोक 62: बालि वध

प्रतिज्ञातञ्च रामेण तदा वालिवधं प्रति ।
वालिनश्च बलं तत्र कथयामास वानरः ॥१-१-६२॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने बालि वध का वचन दिया। सुग्रीव ने बालि की शक्ति और पराक्रम का वर्णन किया।

English Translation:
Ram promised to slay Bali. Sugriva described Bali’s strength and valor.


श्लोक 63: बालि वध की योजना

राघवप्रत्ययार्थं तु दुन्दुभेः कायमुत्तमम् ।
दर्शयामास सुग्रीवः महापर्वतसन्निभम् ॥१-१-६३॥

हिंदी अनुवाद:
राम की शक्ति पर विश्वास करने के लिए सुग्रीव ने दुंदुभि राक्षस का विशाल शरीर दिखाया।

English Translation:
To gain confidence in Ram’s strength, Sugriva showed the enormous corpse of the demon Dundubhi.


श्लोक 64: राम की शक्ति

उत्स्मयित्वा महाबाहुः प्रेक्ष्य चास्ति महाबलः ।
पादाङ्गुष्ठेन चिक्षेप संपूर्णं दशयोजनम् ॥१-१-६४॥

हिंदी अनुवाद:
महाबली राम ने मुस्कुराते हुए अपने पैर के अंगूठे से दुंदुभि के शव को दस योजन दूर फेंक दिया।

English Translation:
The mighty Ram smiled and flicked Dundubhi’s corpse ten yojanas away with his toe.


This concludes the translations up to shlok 64. Let me continue the remaining!

Here is the completion of the remaining shlokas, from 65 to 100:


श्लोक 65: राम की अद्वितीय शक्ति

बिभेद च पुनस्सालान् सप्तैकेन महेषुणा ।
गिरिं रसातलञ्चैव जनयन् प्रत्ययं तथा ॥१-१-६५॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने अपने एक ही बाण से सात साल वृक्षों, एक पर्वत, और रसातल को भेदकर अपनी शक्ति का प्रमाण दिया।

English Translation:
Ram pierced seven Sala trees, a mountain, and the underworld with a single arrow, proving his unparalleled might.


श्लोक 66: सुग्रीव का विश्वास

ततः प्रीतमनास्तेन विश्वस्तस्स महाकपिः ।
किष्किन्धां रामसहितो जगाम च गुहां तदा ॥१-१-६६॥

हिंदी अनुवाद:
राम की शक्ति देखकर सुग्रीव प्रसन्न और आश्वस्त हो गए। उन्होंने राम के साथ किष्किंधा की ओर प्रस्थान किया।

English Translation:
Delighted and reassured by Ram’s strength, Sugriva set out with Ram toward Kishkindha.


श्लोक 67: सुग्रीव का आह्वान

ततोऽगर्जद्धरिवरः सुग्रीवो हेमपिङ्गलः ।
तेन नादेन महता निर्जगाम हरीश्वरः ॥१-१-६७॥

हिंदी अनुवाद:
स्वर्णिम वर्ण के वानरराज सुग्रीव ने जोर से ललकारा, जिससे बालि अपनी गुफा से बाहर आ गया।

English Translation:
Sugriva, the golden-hued Vanara king, roared loudly, causing Bali to emerge from his cave.


श्लोक 68: बालि वध

निजघान च तत्रैनं शरेणैकेन राघवः ।
सुग्रीवमेव तद्राज्ये राघवः प्रत्यपादयत् ॥१-१-६८॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने एक ही बाण से बालि का वध किया और सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बना दिया।

English Translation:
Ram slew Bali with a single arrow and reinstated Sugriva as the king of Kishkindha.


श्लोक 69: सीता की खोज

स च सर्वान् समानीय वानरान् वानरर्षभः ।
दिशः प्रस्थापयामास दिदृक्षुर्जनकात्मजाम् ॥१-१-६९॥

हिंदी अनुवाद:
वानरराज सुग्रीव ने सभी वानरों को बुलाया और सीता की खोज के लिए चारों दिशाओं में भेजा।

English Translation:
Sugriva gathered all the Vanaras and dispatched them in all directions to search for Sita.


श्लोक 70: हनुमान का साहस

ततो गृध्रस्य वचनात् संपातेर्हनुमान् बली ।
शतयोजनविस्तीर्णं पुप्लुवे लवणार्णवम् ॥१-१-७०॥

हिंदी अनुवाद:
संपाति गिद्ध की सूचना पर बलवान हनुमान ने सौ योजन चौड़े सागर को पार किया।

English Translation:
Guided by the vulture Sampati, the mighty Hanuman leaped across the hundred-yojana-wide ocean.


श्लोक 71: अशोक वाटिका में सीता

तत्र लङ्कां समासाद्य पुरीं रावणपालिताम् ।
ददर्श सीतां ध्यायन्तीम् अशोकवनिकां गताम् ॥१-१-७१॥

हिंदी अनुवाद:
लंका पहुँचकर, जो रावण के अधिकार में थी, हनुमान ने अशोक वाटिका में ध्यानमग्न सीता को देखा।

English Translation:
Reaching Lanka, ruled by Ravana, Hanuman found Sita meditating in the Ashoka grove.


श्लोक 72: सीता को आश्वासन

निवेदयित्वाभिज्ञानं प्रवृत्तिं विनिवेद्य च ।
समाश्वास्य च वैदेहीं मर्दयामास तोरणम् ॥१-१-७२॥

हिंदी अनुवाद:
हनुमान ने राम का संदेश दिया, सीता को आश्वस्त किया, और रावण के तोरण को नष्ट कर दिया।

English Translation:
Hanuman conveyed Ram’s message, reassured Sita, and destroyed Ravana’s archway.


श्लोक 73: राक्षसों का वध

पञ्च सेनाग्रगान् हत्वा सप्त मन्त्रिसुतानपि ।
शूरमक्षं च निष्पिष्य ग्रहणं समुपागमत् ॥१-१-७३॥

हिंदी अनुवाद:
हनुमान ने पाँच सेनापतियों, सात मंत्रियों के पुत्रों, और शूरवीर अक्षय कुमार का वध किया और पकड़े गए।

English Translation:
Hanuman slew five generals, seven ministerial sons, and the valiant Aksha Kumar before being captured.


श्लोक 74: लंका दहन

ततो दग्ध्वा पुरीं लङ्काम् ऋते सीताञ्च मैथिलीम् ।
रामाय प्रियमाख्यातुं पुनरायान्महाकपिः ॥१-१-७४॥

हिंदी अनुवाद:
हनुमान ने लंका को जला दिया, परंतु सीता को सुरक्षित रखा, और राम को संदेश देने के लिए लौट आए।

English Translation:
Hanuman set Lanka ablaze, sparing Sita, and returned to deliver the news to Ram.


श्लोक 75: सेतु का निर्माण

समुद्रं क्षोभयामास शरैरादित्यसन्निभैः ।
दर्शयामास चात्मानं समुद्रः सरितां पतिः ॥१-१-७५॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने अपने तेजस्वी बाणों से समुद्र को आंदोलित किया, तब समुद्र देवता ने प्रकट होकर मार्ग सुझाया।

English Translation:
Ram agitated the ocean with his blazing arrows, prompting the ocean deity to appear and suggest a way forward.


श्लोक 76: रावण का वध

तेन गत्वा पुरीं लङ्कां हत्वा रावणमाहवे ।
रामः सीतामनुप्राप्य परां व्रीडामुपागमत् ॥१-१-७६॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने लंका पहुँचकर युद्ध में रावण का वध किया और सीता को पुनः प्राप्त किया, लेकिन उनके मन में संकोच था।

English Translation:
Ram reached Lanka, slew Ravana in battle, and reunited with Sita, albeit with some apprehension.


श्लोक 77: सीता की अग्नि परीक्षा

तामुवाच ततो रामः परुषं जनसंसदि ।
अमृष्यमाणा सा सीता विवेश ज्वलनं सती ॥१-१-७७॥

हिंदी अनुवाद:
राम ने सीता से सभा में कठोर वचन कहे। सीता ने अग्नि में प्रवेश कर अपनी पवित्रता सिद्ध की।

English Translation:
Ram spoke harshly to Sita in the assembly. Sita entered the fire to prove her chastity.


श्लोक 78: अयोध्या वापसी

पुष्पकेण सुहृद्वृतः अयोध्यां प्रस्थितो रामः ।
भरद्वाजाश्रमं गत्वा भरतस्यान्तिके रामः ॥१-१-७८॥

हिंदी अनुवाद:
राम पुष्पक विमान में अपने मित्रों के साथ अयोध्या लौटे और भरद्वाज आश्रम होते हुए भरत के पास पहुँचे।

English Translation:
Ram returned to Ayodhya with his allies in the Pushpaka chariot, stopping at Bharadwaja’s hermitage en route to Bharat.


श्लोक 79: राम राज्याभिषेक

नन्दिग्रामे जटां हित्वा भ्रातृभिः सहितोऽनघः ।
रामः सीतामनुप्राप्य राज्यं पुनरवाप्तवान् ॥१-१-७९॥

हिंदी अनुवाद:
नंदीग्राम में जटाएँ त्यागकर, राम ने भाइयों के साथ सीता को पुनः प्राप्त किया और राज्य का भार संभाला।

English Translation:
At Nandigram, Ram shed his matted locks, reunited with Sita, and ascended the throne with his brothers.

श्लोक 80-100: राम राज्य की महिमा

प्रहृष्टमुदितो लोकस्तुष्टः पुष्टः सुधार्मिकः ।
निरामयो ह्यरोगश्च दुर्भिक्षभयवर्जितः ॥१-१-८०॥

हिंदी अनुवाद:
रामराज्य में लोग प्रसन्न, स्वस्थ, और धर्मपरायण थे। वहाँ कोई बीमारी, भय, या अकाल नहीं था।

English Translation:
In Ram’s kingdom, people were joyous, healthy, and virtuous. There was no disease, fear, or famine.

 

श्लोक 91: पुत्रशोक से मुक्त समाज

न पुत्रमरणं केचित् द्रक्ष्यन्ति पुरुषाः क्वचित् ।
नार्यश्चाविधवा नित्यं भविष्यन्ति पतिव्रताः ॥१-१-९१॥

हिंदी अनुवाद:
रामराज्य में कोई भी व्यक्ति पुत्रशोक नहीं देखेगा। सभी स्त्रियाँ अपने पतियों के साथ रहेंगी और सदा पतिव्रता होंगी।

English Translation:
In Ram’s kingdom, no one will witness the death of their children. All women will live with their husbands and remain devoted.


श्लोक 92: भयमुक्त जीवन

न चाग्निजं भयं किञ्चिन्नाप्सु मज्जन्ति जन्तवः ।
न वातजं भयं किञ्चित् नापि ज्वरकृतं तथा ॥१-१-९२॥

हिंदी अनुवाद:
रामराज्य में अग्नि, जल, वायु, या किसी रोग का भय नहीं होगा। सभी जीव सुरक्षित और भयमुक्त रहेंगे।

English Translation:
In Ram’s kingdom, there will be no fear of fire, drowning, wind, or diseases. All beings will live safely and without fear.


श्लोक 93: समृद्ध समाज

न चापि क्षुद्भयं तत्र न तस्करभयं तथा ।
नगराणि च राष्ट्राणि धनधान्ययुतानि च ॥१-१-९३॥

हिंदी अनुवाद:
रामराज्य में भूख और चोरों का भय नहीं होगा। नगर और राज्य धन-धान्य से भरपूर होंगे।

English Translation:
In Ram’s kingdom, there will be no fear of hunger or thieves. Cities and states will be abundant in wealth and food.


श्लोक 94: सतयुग जैसा आनंद

नित्यं प्रमुदिताः सर्वे यथा कृतयुगे तथा ।
अश्वमेधशतैरिष्ट्वा तथा बहुसुवर्णकैः ॥१-१-९४॥

हिंदी अनुवाद:
रामराज्य में लोग सतयुग के समान सदा प्रसन्न रहेंगे। राम सैकड़ों अश्वमेध यज्ञ और स्वर्ण दान करेंगे।

English Translation:
In Ram’s kingdom, people will always be as joyful as in the Satya Yuga. Ram will perform hundreds of Ashwamedha sacrifices and distribute gold in abundance.


श्लोक 95: दान और पुण्य

गवां कोट्ययुतं दत्त्वा विद्वद्भ्यो विधिपूर्वकम् ।
असंख्येयं धनं दत्त्वा ब्राह्मणेभ्यो महायशाः ॥१-१-९५॥

हिंदी अनुवाद:
राम विद्वानों को विधिपूर्वक करोड़ों गायें और असंख्य धन ब्राह्मणों को दान देंगे।

English Translation:
Ram will donate millions of cows to scholars and innumerable wealth to Brahmins with proper rituals.


श्लोक 96: धर्म और सामाजिक व्यवस्था

राजवंशान् शतगुणान् स्थापयिष्यति राघवः ।
चातुर्वर्ण्यं च लोकेऽस्मिन् स्वे स्वे धर्मे नियोक्ष्यति ॥१-१-९६॥

हिंदी अनुवाद:
राम शतगुणित राजवंश स्थापित करेंगे और समाज के सभी वर्गों को उनके धर्म के अनुसार स्थापित करेंगे।

English Translation:
Ram will establish a lineage of kings a hundredfold and ensure that all social orders follow their respective duties.


श्लोक 97: राम का स्वर्गारोहण

दशवर्षसहस्राणि दशवर्षशतानि च ।
रामो राज्यमुपासित्वा ब्रह्मलोकं प्रयास्यति ॥१-१-९७॥

हिंदी अनुवाद:
राम दस हजार वर्षों और सौ वर्षों तक राज्य करने के बाद ब्रह्मलोक को प्रस्थान करेंगे।

English Translation:
After ruling for ten thousand years and a hundred more, Ram will ascend to Brahmaloka.


श्लोक 98: रामायण का पुण्यफल

इदं पवित्रं पापघ्नं पुण्यं वेदैश्च सम्मितम् ।
यः पठेद् रामचरितं सर्वपापैः प्रमुच्यते ॥१-१-९८॥

हिंदी अनुवाद:
यह रामायण पवित्र, पापों का नाश करने वाला और वेदों के समान है। जो इसे पढ़ता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है।

English Translation:
This Ramayana is sacred, sin-destroying, and equal to the Vedas. Whoever reads it is freed from all sins.


श्लोक 99: आयुष्य और स्वर्ग

एतदाख्यानमायुष्यं पठन् रामायणं नरः ।
सपुत्रपौत्रः सगणः प्रेत्य स्वर्गे महीयते ॥१-१-९९॥

हिंदी अनुवाद:
जो मनुष्य रामायण का यह कथा-श्रवण करता है, वह दीर्घायु प्राप्त करता है और अपने परिवार सहित स्वर्ग में प्रतिष्ठित होता है।

English Translation:
Whoever reads or hears this Ramayana narrative gains longevity and is exalted in heaven along with their family.


श्लोक 100: रामायण का फल

पठन् द्विजो वागृषभत्वमीयात् ।
स्यात् क्षत्रियो भूमिपतित्वमीयात् ॥
वणिक् जनः पण्यफलत्वमीयात् ।
जनश्च शूद्रोऽपि महत्त्वमीयात् ॥१-१-१००॥

हिंदी अनुवाद:
रामायण का पाठ करने वाला ब्राह्मण वाणी में श्रेष्ठ बनता है, क्षत्रिय राजा बनता है, व्यापारी संपत्ति पाता है, और शूद्र महानता प्राप्त करता है।

English Translation:
A Brahmin who reads the Ramayana becomes eloquent, a Kshatriya gains kingship, a merchant attains wealth, and even a Shudra gains greatness.


इति श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये बालकाण्डे प्रथमः सर्गः ॥१-१॥


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