रामायण के अनुसार भगवान राम ने राक्षस राज रावण का वध कर खत्म किया। हम यह बात जानते हैं कि रावण के वध का कारण सीता मां का हरण था। इन्हीं कारणों से रावण को अपने पुत्रों, राज्य और जीवन के हाथ धोना पड़ा। लेकिन यह पूरा सत्य नही है। इसके पीछे और भी कारण है जो वाल्मीकि रामायण में बताया गया है।
माना जाता है कि रावण काफी बड़ा विद्वान था, लेकिन राक्षस प्रवृत्ति और अपनी शक्तियों पर घमंड हो जाने के कारण वह अत्याचार करनें लगा था। सभी को परेशान करने लगा था|
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माना जाता है कि रावण काफी बड़ा विद्वान था, लेकिन राक्षस प्रवृत्ति और अपनी शक्तियों पर घमंड हो जाने के कारण वह अत्याचार करनें लगा था। सभी को परेशान करने लगा था|
- रावण नही चाहता था कि उससे अधिक कोई बलवान हो या फिर कही शांति हो। इसी कारण उसनेवो तपस्या कर रहे कई ऋषियों का वध कर दिया। जिसके कारण उन ऋषियों ने यह शाप दिया कि हमारा शरीर से निकला हुआ रक्त और इस मिट्टी से ही तुम्हारी म़त्यु होगी। इसी शाप के कारण सीता मां का जन्म धरती से ही हुआ था।
- रावण ने नवग्रह को बंदी बना लिया था। जिसके कारण धरती पर तबाही मच गई थी। इसी कारण रावण का वध करना जरुरी हो गया था तब इंद्र ने विष्णु भगवान से जन्म लेने की विनती कि तब श्री राम का जन्म हुआ।
- रावण को अपने ऊपर इतना घमंड हो गया था कि वह सोचता था कि उससे ज्यादा शक्तिशाली कोई नही है। इसी कारण उसमें देवलोक अपने पर कब्जा कर लिया । जिससे सभी देवताओं को वहां से भागना पड़ा तब विष्णु भगवान ने श्री राम के रूप में जन्म लिया।
- तपस्विनी वेदवती एक बार तपस्या कर रही थी। उनको देखकर रावण उनकी सुंदरता को देखकर रावण फिर से उसे दुराचार करने की कोशिश करता है। जिससे बचने के वेदवती आत्महत्या कर लेती है और यह शाप देती है कि तुम्हारी म़त्यु का कारण एक स्त्री ही होगी।
- दशानन भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। वह चाहता था कि भगवान उसके साथ लंका चलें, लेकिन भगवान ने साथ आने से मना कर दिया, क्योंकि भगवान कैलाश छोडने को तैयार न थे। इस कारण रावण कैलाश को उठाना चाहा। जिससे पार्वती कोध्रित हुई और रावण को श्राप दे दिया था।
- श्री राम के वंशज राजा अनरण्य के राज्य में रावण अपना अधिकार करना चाहता था। जिसके कारण दोनों के बीच भीषण युद्ध हुआ। ब्रह्मा जी के वरदान के कारण अनरण्य हार गए और रावण उनका अपमान करने लगा। जिससे त्रस्त होकर अनरण्य ने रावण को शाप दिया कि मेरे वंशज दशरथ का पुत्र तुम्हारा काल बनेगा। उसी के हाथों तुम्हारी मृत्यु लिखी है।
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