राम सेतु को एडम ब्रिज बोलना सही है ?

राम सेतु को एडम ब्रिज बोलना सही है ?                                                         
                                                                                       

रामायण में उल्लेख है की जब राम सीता के साथ पुष्पक विमान से युद्ध के पश्चात सेतु के ऊपर से जा रहे थे तो उन्होंने बताया की इस सेतु का निर्माण कितना कठिन था और केवल मेधावी अभियंता नल के लिए इसका निर्माण संभव था इसलिए राम ने इसे नल सेतु नाम दिया। 






रामायण में ये उल्लेख है की ये सेतु १०० योजन लम्बा और १० योजन चौड़ा है। ये आयाम महाभारत में भी बताया गया है ये अनुपात १०:१ का है। 


अब सवाल ये है की कब से नल सेतु एडम ब्रिज कहलाने लगा ?लोग अपनी भगवान राम के प्रति श्रद्धा और विश्वास के कारण इसे राम सेतु कहने लगे ये दो भू भाग को जोड़ता है इसलिए ये सेतु सेतु-बंध भी कहलाया। 

सहस्त्राब्दियों तक लोग एसपी पैदल जाते थे जब इसका नियमित उपयोग होता था तब श्रीलंका  में तपस्या करने इस्लाम के प्रारम्भिक धर्मगुरु इसपे चल के गए थे। और श्रीलंका के इस्लामियों ने उन्हें आदम नाम दिया और सेतु का नाम दिया आदम सेतु।


बाद में आये यूरोप वासियों के लिए आदम से नाम से अपना मेल बिठाना सरल था वे अपने दस्तावेजों में इसे एडम सेतु कहने लगे और ये नाम पड़ गया । 


गूगल मैप द्वारा लिया गया चित्र 




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