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श्रीरामचरितमानस - SHRIRAMCHARITMANAS  

हमारी वेबसाइट श्रीरामचरितमानस में आपका स्वागत है, जो प्रभु श्रीराम और श्री रामचरितमानस को समर्पित है। हमें गर्व है कि हम आपको एक समग्र मंच प्रदान करने में संतुष्टि मिल रही है, जिसमें प्रभु श्री राम और उनकी महाकाव्यिक यात्रा से जुड़े गहरे शिक्षाओं, प्रेरणादायक कथा और दिव्य सार को समाहित किया गया है।

हमारी वेबसाइट एक डिजिटल तीर्थस्थल की भूमिका निभाती है, जो सभी जीवन के लोगों को आमंत्रित करके अपनी अद्वितीय ज्ञान और भक्ति की गहराई को खोजने का अवसर प्रदान करती है। हमने जानकारी का संग्रह किया है, जो आपको रामायण की गहराई में खोजने की सुविधा प्रदान करता है, जो हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कथाओं में से एक है।

हमारी वेबसाइट का हृदय श्री रामचरितमानस में स्थित है, एक अद्भुत साहित्यिक महाकाव्य जिसे महर्षि तुलसीदास जी ने रचा है। यह महाकाव्य ब्रह्मा कवि की तारीफ करते हुए प्रभु श्रीराम के जीवन, गुणों और परिक्षणों की कथा सुनाता है, जिसमें काव्यात्मक तेज और आध्यात्मिक दर्शन द्वारा पाठकों को आकर्षित किया जाता है। हम इस पवित्र पाठ के अनुवाद, व्याख्यान और समझाने के विस्तृत संग्रह की पेशकश करते हैं, जिसे विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमियों से जुड़े व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाया गया है।

हमारी वेबसाइट के विभिन्न खंडों में खोज करें और आप ज्ञान और भक्ति का भंडार खोजेंगे। प्रभु श्री राम की दिव्य महिमा में विश्राम करें, जिसे विविध जीवनी वर्णनों के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिनमें जीवंत चित्रों और प्रभावशाली छवियों का सहारा लिया जाता है। प्रभु राम की विभिन्न भूमिकाओं का गहन अर्थ खोजें, जैसे कि एक कर्तव्यनिष्ठ पुत्र, सहानुभूतिपूर्ण शासक, समर्पित पति और सहानुभूतिपूर्ण मार्गदर्शक।

हम निरंतर अपनी वेबसाइट को नई सामग्री, संसाधनों और इंटरनेट सुविधाओं के साथ विस्तारित और समृद्ध करने के लिए समर्पित हैं, ताकि सभी आगंतुकों के लिए एक घनिष्ठ और ज्ञानवर्धक अनुभव प्रदान कर सकें। हमारा लक्ष्य प्रभु श्री राम की गहन शिक्षाओं के प्रभावशाली उपदेशों की आत्मा, भक्ति और अविनाशी कृपा के साथ सन्तोष, मार्गदर्शन और गहन समझ की सेवा करना है।

प्रभु श्री राम और श्री रामचरितमानस को समर्पित हमारी वेबसाइट पर आने के लिए आपका धन्यवाद। ईश्वर की वर्चस्वपूर्ण उपस्थिति के आद्यात्मिक अनुभव के माध्यम से आपका यात्रा ज्ञान, भक्ति और अनन्त कृपा से आशीर्वादित हो।

जय श्री राम!

श्री राम दरबार


   
         गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस भारतीय संस्कृति मे एक विशेष स्थान रखती है और मनुष्य की सबसे बड़ी मार्गदर्शक है । इसके सात काण्ड मनुष्य को अनमोल शिक्षा देकर उसकी सभी प्रकार की उन्नति कराने वाले सोपान हैं । गोस्वामी तुलसीदास जी ने इन्हें सोपान इसलिए कहा है क्योंकि ये राम जी के चरणों तक पहुंचने की सीढ़ियां हैं ।

1. बालकाण्ड

2. अयोध्याकाण्ड

3. अरण्यकाण्ड

4. किष्किन्धाकाण्ड

5. सुन्दरकाण्ड

6. लंकाकाण्ड

7. उत्तरकाण्ड 


महर्षि वाल्मीकि रामायण संस्कृत - हिंदी 

Maharishi Valmiki Ramayana in Sanskrit & Hindi


रामायण (संस्कृत : रामायणम् = राम + आयणम् ; शाब्दिक अर्थ : 'राम की जीवन-यात्रा'), महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य है जिसमें श्रीराम की गाथा है। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। 

 रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। इसमें कुल लगभग 24,000 श्लोक हैं। इसके बाद की संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्य पर इस महाकाव्य का बहुत अधिक प्रभाव है तथा रामकथा को लेकर अनेकों 'रामायण' रचे गये।



Note*

(Team is working on Sanskrit and Hindi translation of Valmiki Ramayan and trying to publish all edition (kaand) in all languages soon.

सूचना - हमारी टीम वाल्मीकि कृत रामायण के संस्कृत और हिंदी अनुवाद पे काम कर रही है । हमारा प्रयास है की जल्द से जल्द आपको सारे संस्करण उपलब्ध कराएं! 

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रामानंद सागर कृत सम्पूर्ण रामायण 

(Ramanand Sagar’s Ramayan):


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रामराज्यवासी त्वम्,प्रोच्छ्रयस्व ते शिरम्, 
न्यायार्थ युद्धस्व,सर्वेषु सम चर। 
परिपालय दुर्बलम्,विद्धि धर्मं वरम्
प्रोच्छ्रयस्व ते शिरम्, रामराज्यवासी त्वम्||

भावार्थ-तुम रामराज्य वासी,अपना मस्तक उँचा रखो,
न्याय के लिए लडो,सबको समान मानो|
कमजोर की रक्षा करो,धर्म को सबसे उँचा जानो
अपना मस्तक उँचा रखो,तुम रामराज्य के वासी हो||

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